शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

सोराईसिस हमेशा के लिए ठीक हो सकती है।

अगर आपकी जानकारी में किसी को भी त्वचा की बीमारी हो तब यह पोस्ट अवश्य  पढिये।
आज मैं आपको त्वचा की बीमारी सोरायसिस व उसके इलाज के बारे में बताऊंगा । यूं तो सोरायसिस कोई जानलेवा बीमारी नहीं है किंतु यह जानलेवा से कम भी नहीं है। सोरायसिस एक त्वचा की बीमारी है जो त्वचा की ऊपरी परत नाखूनों यहां तक की सर पर भी असर दिखाती है इस बीमारी में त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं तथा त्वचा पपड़ी बनकर उचलने लगती है प्रभावित क्षेत्र में खुजली भी होती है कुछ लोग इसे फंगस इंफेक्शन समझ बैठते हैं और इसका उसी प्रकार इलाज भी करने लगते हैं। यह देखने में जरूर फंगस जैसी लगती है लेकिन यह उस से बिल्कुल अलग है।यह कई प्रकार की होती है। अधिकतर सुरूआत में जोड़ो के पास चकत्ते पड़ना शुरू होते हैं बाद में यह पूरे शरीर पर फैल जाते हैं।जिनमें बहुत खुजली पढ़ती है तथा खुजलाने पर सफेद पपड़ी या पाउडर जैसा छूटता है। इसके कारण व्यक्ति का सामाजिक व पारिवारिक जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। हालांकि यह कोई संक्रामक बीमारी नही है किंतु त्वचा पर यह बहुत घिनौनी दिखती है। इस कारण जब दूसरे लोग इसको देखते हैं और इसको संक्रामक बीमारी समझ उसके दूरी बनाने लगते हैं। कई लोगों का वैवाहिक जीवन भी इस बीमारी के कारण संकट में पड़ जाता है।  सोराइसिस के कारण एक विशेष प्रकार की गठिया जिसे सोराइटिक अर्थराइटिस, हर्दय रोग, क्रोहन बीमारी जिसमे शरीर के पाचन तंत्र में सूजन आ जाती है, के होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
आधुनिक चिकित्सा शास्त्र को इसके कारणों का ठीक से पता नहीं लग पाया है। किंतु चिकित्सा शास्त्र इसे एक ऑटो इम्यून बीमारी मानता है। ऑटोइम्यून का अर्थ होता है कि हमारे शरीर का प्रतिरोधी तंत्र हमारे शरीर की कोशिकाओं के खिलाफ की कार्य करने लगता है। हमारे शरीर में सफेद रक्त कणिकाएं सैनिक की तरह कार्य करती हैं दे बाहर से होने वाले संक्रमणों को मार डालती हैं किंतु इन्हें विकृति होने पर  यह दुश्मन कोशिकाओं जैसे जीवाणु, विषाणु, फफूँद व शरीर की कोशिकाओं में फर्क नही कर पाती हैं और उन्हें दुश्मन समझ कर मार बैठती हैं।
यह बिमारी जाड़ों के दिनों में विशेष रूप से बढ़ जाती है। कुछ एलोपैथिक दवाइयां खाने पर भी इसके लक्षण बढ़ जाते हैं।
आधुनिक चिकित्सा शास्त्र में स्टेराइड क्रीम व रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम करने वाली गोलियों का प्रयोग कर इसके लक्षणों को दवाया जाता है। जो दवा छोड़ने पर पुनः उभर आते हैं।
इन दवाइयों के कारण रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होने से अन्य संक्रामक बीमारियां भी पकड़ लेती हैं। जब ईन दवाओं से भी काम नही चलता है तब कैंसर में प्रयोग होने वाली दवाओं का भी प्रयोग किया जाने लगता है। यानी शरीर की ऐसी की तैसी।ऐसा समझ लीजिए कि चूहे को मारने के लिए शेर बुला लिया।
दोस्तों खुशी की बात यह है कि न्यूट्रिवर्ल्ड के सप्पलीमेंट जिस किसी भी सोराइसिस वाले व्यक्ति ने खाये हैं उसकी सोरसिस ठीक हो गई है। सबूत के तौर पर उनमें से कुछ के वीडियो लिंक भी यहाँ पोस्ट कर रहे हैं।
https://youtu.be/XeT0RBLFs98
https://youtu.be/6BZL-wQPHPE
https://youtu.be/toRHslqeWZQ
न्यूट्रिवर्ल्ड में हम बीमारी का इलाज नही करते बल्कि शरीर को पोषण देते हैं व उसकी सफ़ाई करते हैं जिससे शरीर अपने आप ही बीमारियों को ठीक कर लेता है। सिर्फ इतना साधारण सिध्दांत है हमारा पर परिणाम असाधारण हैं। यदि किसी को सहायता चाहिए तो निम्न नम्बर पर सम्पर्क करें।

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