शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

शरीर के लिए जिंक भी जरूरी है

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हमारे स्वास्थ्य का स्तर ठीक रखने के लिए, सूक्ष्म पोषक तत्वों या माइक्रो न्यूट्रिएंट का बहुत महत्व है। माइक्रो न्यूट्रीएंट में मिनरल, विटामिन, और अन्य कई प्रकार के तत्व आते हैं। आज हम आपको सूक्ष्म पोषक तत्व जिंक या जस्ता के बारे में बताते हैं।
इसकी कमी से क्या स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं। और यह कौन से भोजन में पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर के प्रत्येक कोशिका में, हड्डियों में , खून में, मज्जा में,वीर्य में हर जगह पाया जाता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक जब तक मानव जीवन है , जिंक अति महत्वपूर्ण है। जब गर्भवती स्त्री गर्भ धारण करती है उस समय ये जिस भ्रूण के विकास के लिए अति आवश्यक होता है, यदि ऐसे में जिंक की कमी होने से भ्रूण का विकास बाधित होता है। जन्म के पश्चात शिशुओं में उनकी प्रतिरोधक क्षमता के लिये अति आवश्यक होता है, कमी होने से बच्चों में पतले दस्तों की समस्या हो जाती है। इसके अतिरिक्त एलर्जी , जुखाम इत्यदि होने की संभावना बढ़ जाती है।
जिंक की कमी से निम्न संमस्याएँ हो सकती हैं।
1. मस्तिस्क की कार्य प्रणाली में समस्या
2.रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमी
3.डायरिया
4.बालों, नाखूनों का कमजोर होना
5.त्वचा पर मुँहासे होना व् चक्कते पड़ जाना
6. विभिन्न प्रकार की एलर्जी
7. घावों का जल्दी ठीक न होना
8. सेक्स सम्बंधित संमस्याएँ होना
निम्न भोजन के स्रोतों में जिंक अधिकता में पाया जाता है।
1. कद्दू के बीज
2. मशरूम
3. पालक
4. काजू
5. चिकन
6. कोको आदि।
किन्तु जिस भूमि पे ये उगाये गए हों उसमे जिंक की कमी नही होनी चाहिए। अन्यथा इन भोज्य पदार्थों में भी जिंक की कमी होगी। पूरे विश्व की अधिकांश कृषि योग्य भूमि में जिंक की कमी हो गयी है, भारत में यह और भी कम है। ऐसे में भारतीयों में जिंक की कमी एक आम समस्या है। नुट्रिवर्ल्ड के फ़ूड सप्पलीमेंट माइक्रो डाइट, आयरन फोलिक प्लस, व् कैल्शियम प्लस में यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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