गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018

पेट की चार बीमारी, इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज, क्रोहेन्स डिजीज, अल्सर टिव कोलाइटिस समाधान एक न्यूट्रिवर्ल्ड।

आज हम आपसे पेट से जुड़ी हुई 4 बीमारियों  की चर्चा करेंगे यह बीमारियां हैं इरिटेबल बाउल सिंड्रोम(IBS), इंफ्लेमेटरी बाउल डिसीज़(IBD), क्रोहेन्स डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस इन चारों बीमारियों का संबंध पेट में हमारी आंतों से जुड़ा हुआ है। चारों बीमारियों के लक्षण भी मिलते जुलते ही होते हैं। अक्सर चिकित्सक व रोगी दोनों ही इन्हें समझने में भूल कर देते हैं, किन्तु पहली दोनों बीमारीयों यानी की इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम व इंफ्लेमेटरी बाउल डिसीज़ का संबंध हमारी छोटी आंतों से अधिक है। क्रोहेन्स डिजीज भी एक प्रकार की इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज(IBD) ही होती है।अल्सरेटिव कोलाइटिस का संबंध हमारी बड़ी आंतों से है। इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम(IBS) व इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज(IBD) दोनो को ही आयुर्वेद में संग्रहणी ही कहते हैं। क्योंकि दोनों का सम्बन्ध छोटी आंतों से है। आधुनिक चिकित्सा शास्त्र में दोनो में फर्क किया गया है। सिंड्रोम एक अवस्था को कहते हैं जिसमें सिर्फ गड़बड़ी के लक्षण होते हैं किन्तु उस अंग में गड़बड़ी होती नहीं है। इसमें पेट में मरोड़ उठना, हल्का दर्द बने रहना, खूब गैस बनना, भोजन का अच्छे से पाचन न होना,अक्सर कब्ज व दस्त का वारी वारी से होना, कमजोरी, वजन कम होना, भूख कम हो जाना, हल्का बुखार बने रहना जैसे लक्षण होते हैं।
उपरोक्त तीनों का सम्बन्ध हमारी छोटी आंतों से है अतः उपरोक्त जैसे लक्षण ही इन तीनो बीमारियों में होते हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस का सम्बन्ध हमारी बड़ी आंतों से है।अल्सरेटिव कोलाइटिस आंतो में होने वाली आटो इम्यून बीमारी है। जिसमें शरीर की प्रतिरोधक क्षमता खुद ही आंतो के खिलाफ एण्टीबॉडी बनाने लगती है। जिससे बड़ी आंत और मलाशय की श्लेष्मा झिल्ली क्षतिग्रस्त होने लगती  है इस कारण आंतों में घाव हो जाते हैं। इन घावों से रक्तस्राव होता है घाव आंत के अंदरूनी भाग में बड़े या छोटे हो सकते हैं। लेकिन इनके मध्य कोई सामान्य झिल्ली नहीं होती। घाव से तरल, आंव व खून का रिसाव होता है जो मल के साथ बाहर निकलता है। दिन में कई बार मल त्याग के लिए जाना होता है। पेट में दर्द बना रहता है, शरीर कमजोर हो जाता है।बीमारी बढ़ने पर मल रोक पाने की क्षमता भी खत्म हो जाती है। यहाँ तक की रात को सोते समय भी मल निकल सकता है।
लेकिन चिंता की बात यह है की अभी तक पेट की इन खतरनाक बीमारीयों से निपटने के लिए एलोपैथी में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं सिर्फ लक्षणों में आराम के लिए ही दवाएं दी जाती रहीं हैं। यहाँ तक की स्टेराइड दवाओं का भी इस्तेमाल करना पड़ता है।
इन बीमारियों के समाधान में आशा की किरण न्यूट्रिवर्ल्ड के  हर्बल व फ़ूड सप्पलीमेंट प्रोडक्टस ने जगाई है।
हमारे यहाँ इन बीमारियों में जितने भी लोगों ने यह उत्पाद लिए हैं वे सब ठीक हो चुके हैं। कुछ के टेस्टिमोनीयल वीडियो यु ट्यूब पर भी उपलब्ध हैं। इनका समाधान भी मंहगा नही है।अगर आप पेट से सम्बंधित इन समस्याओं या किन्हीं और समस्याओं से भी ग्रसित हैं निसंकोच हमे काल कर सकते हैं।

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