बुधवार, 29 मई 2019

बबासीर

आज एक ऐसी बीमारी पर चर्चा करेंगे जो आज कल अधिकांश लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। पर लोग संकोच वशडब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 2 से 3% लोग इस समस्या से ग्रसित हैं इसके अतिरिक्त बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको यह समस्या है किंतु वे संकोचवश या जानकारी के अभाव में चिकित्सक से परामर्श लेने में बचते हैं। भारत में आधुनिक शैली की जीवनशैली व फास्ट फूड, जंक फूड के अधिक प्रयोग के कारण वह बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं बवासीर या अर्श की। अंग्रेजी में इसे पाइल्स या हेमोरॉयड्स कहते हैं। इस चर्चा में इसके कारणों व इसके समाधान पर प्रकाश डालेंगे। तथा इस बीमारी में किस प्रकार के भोजन का प्रयोग करना चाहिए उस पर भी बात करेंगे।
गुदा मार्ग हमारे पाचन तंत्र का आखरी हिस्सा होता है वहां पर बहुत सारी रक्त वाहिकायें आकर जुड़ती हैं जिनका वह अंतिम सिरा होता है। जब यह रक्त वाहिकाएं या नस किसी कारण से फूल जाती हैं और मस्से का रूप ले लेती हैं इसे ही बवासीर या पाइल्स कहा जाता है. इसमें गुदा मार्ग में मल त्यागते समय बहुत दर्द होता है। रक्त वाहिकाएँ खुल जाने के काऱण खून भी निकलने लगता है। यह बीमारी भी वेरिकोस वेन्स की ही तरह होती है जिनमें पैरों की नसें फूल जाती हैं।
मेडिकल साइन्स को इसके कारणों का बिल्कुल ठीक  से पता नही है। किंतु गुदा मार्ग की नसों पर अधिक दवाव इसका कारण हो सकता है। ये दबाव गर्भावस्था के कारण भी हो सकता है इस कारण गर्भवती महिलाओं को भी इसकी शिकायत हो जाती है। अधिक समय तक कब्ज रहने के कारण भी बबासीर हो जाती है क्योंकि कब्ज होने के कारण मल त्यागने में अधिक ताकत लगानी पड़ती है था अधिक समय तक टॉयलेट में बैठना पड़ता है जिस कारण भी बबासीर की समस्या हो जाती है। इसके अतिरिक्त मोटापा व अनुवांशिक कारण भी बबासीर के लिए जिम्मेदार हैं। जिन लोगों को टॉयलेट में बैठ कर अखबार पढ़ने या मोबाइल देखने की होती है उन्हें भी बबासीर होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं।
अगर बवासीर से बचना है तो कब्ज ना होने दें। कब्ज से बचने के लिए आहार का विशेष ध्यान रखें। कब्ज का समाधान भोजन में परिवर्तन से ही हो सकता है। कब्ज न हो इसके लिये फाईबर युक्त आहार का सेवन करें। मैदा से बनी चीज़े जैसे बिस्किट, नान, भटूरे, बर्गर, नूडल्स, चाउमीन, पिज़्ज़ा इत्यादि विल्कुल त्याग दें। भोजन में नियमित रूप से फल व सब्जियों का सेवन अवश्य करें। कब्ज में अमरूद व बेल बहुत फायदेमन्द होता है अतः इनका सेवन अवश्य करें।
आधुनिक चिकित्सा शास्त्र में इसका कोई समाधान नहीं है वह सिर्फ ऑपरेशन द्वारा फूले हुए मस्से को बाहर निकाल देते हैं। लेकिन इसमें फिर दूसरी अन्य नसे फूल जाती हैं तो फिर उन्हें ऑपरेशन करवाने की आवश्यकता होती है। न्यूट्री वर्ल्ड में हम लोग भोजन में परिवर्तन तथा कुछ आयुर्वेदिक व न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स के द्वारा इसका जड़ से समाधान करते हैं। हमारे सप्पलीमेंट आपके पाचन तंत्र को ठीक करते हैं कब्ज व एसिडिटी से मुक्ति दिलाते हैं तथा शरीर में नई ऊर्जा का संचार करते हैं इनका शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है अतः आप इनका लंबे समय तक निसंकोच रूप से प्रयोग कर सकते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें