गुरुवार, 26 मई 2022

फलों और सब्जियों की धुलाई यानी कि बी12 की सफाई

फलों और सब्जियों की धुलाई यानी कि बी12 की सफाई
उस दिन जब बच्चियों को शहतूत पेड़ से तोड़कर खिला रहा था तो बच्चों ने मना कर दिया कि डैडी हम अभी नहीं खाएंगे, मैंने पूछा क्यों तो उन्होंने कहा कि डैडी यह गंदे हैं इन्हें तोड़ कर घर ले चलो वहां धोकर खाएंगे। लेकिन मैं चाहता था कि वे इन्हें धो कर न खायें, लेकिन क्यों जानिए इस पोस्ट में।
हम सब अपने घर में बच्चों को यही सिखाते हैं कि बाजार से लाने वाले फल और सब्जियों को अच्छे से धो कर ही प्रयोग करना चाहिए। आज के माहौल के हिसाब से ही सही ही है क्योंकि इतने कीटनाशकों व रसायनों का प्रयोग किया जाता है अगर उन्हें धोया नहीं जाएगा तो कीटनाशकों के अंश भी हमारे शरीर के अंदर चले जाएंगे। लेकिन मैं यहां आपको एक और बात बताने जा रहा हूं आजकल अगर आप किसी का विटामिन का स्तर चेक कराएं तो उसमें सबसे ज्यादा कमी विटामिन डी और विटामिन B12 की होती है विटामिन डी के बारे में मैं पोस्ट लिखी चुका हूं, लेकिन आज विटामिन B12 की बात करेंगे। हम शाकाहारी लोगों को बताया जाता है की विटामिन बी12 शाकाहार में नहीं होता इसलिए हमारे अंदर कमी हो जाती है। हमें विटामिन B12 लेने के लिए डेयरी उत्पाद जैसे दूध और अंडे या फिर मांस खाने के लिए कहा जाता है।
लेकिन प्रश्न यह खड़ा होता है कि यदि शाकाहार में विटामिन B12 नहीं है तो उन पशुओं के अंदर विटामिन बी12 कहां से आता है जो सिर्फ शाकाहार ही करते हैं और उसके बाद हमें दूध और मांस प्रदान करते हैं।
विटामिन B12 प्रकृति में पाए जाने वाले कई प्रकार के बैक्टीरिया बनाते हैं जो धूल मिट्टी व नदियों झरनों के पानी में पाए जाते हैं। ये बैक्टरिया कोबाल्ट नामक तत्व से मिलकर बी 12 बनाते हैं। यह बैक्टीरिया हमारी व अन्य पशुओं की बड़ी आँत यानी कोलन में भी होते हैं और यह वहां भी बी 12 बनाते हैं। लेकिन वह बी12 हमारे शरीर मे अवशोषित नही हो पाती मल के साथ बाहर निकल जाती है।यह हमारी छोटी आंत में ही अवशोषित होकर हमें मिल सकती है। घास पर, फल-सब्जियों पर जो धूल मिट्टी जमी होती है वे उसमें भी एह पाई जाती है, जब पशु उस घास को खाते हैं और प्राकृतिक श्रोत से पानी पीते हैं तो धूल के साथ-साथ यह विटामिन B12 भी शरीर मे पहुँच जाती हैं। और जब हम इनसे लिए उत्पाद दूध, मांस, अंडे इत्यादि का प्रयोग करते हैं तो हमे भी बी 12 मिल जाती है।
लेकिन मांसाहारी लोग ज्यादा खुश फहमी ना पालें कि उनके अंदर विटामिन B12 की कमी नहीं होगी क्योंकि आजकल पशुओं को भी कृत्रिम रूप से पाला जा रहा है उनको कृत्रिम वातावरण में रखा जाता है साफ पानी और चारा खाने को मिलता है। जिस कारण उनके अंदर भी विटामिन B12 की कमी हो जाती है। यदि पशुओं को कृत्रिम रूप से विटामिन बी 12 दी जा रही होती है तब इसमें कमी नहीं होती अन्यथा पशुओं में भी विटामिन B12 की कमी होने लगी है।
यदि हम शाकाहारी लोग भी फल सब्जियों पर लगी धूल के साथ उसे खाएं तो यह हमारे पेट में भी पहुंच जाएगी जैसे पशुओं के शरीर में पहुंचती है। 
 जब हम फल और सब्जियों को धोते हैं. तो उसके साथ विटामिन बी 12 भी धूल जाती है, और हम उससे वंचित रह जाते हैं।
 मैं यह नहीं कह रहा कि आप फल और सब्जियों को धोकर ना खाएं आज ही बहुत जरूरी है लेकिन मैंने आपको इसके पीछे का विज्ञान बता दिया यदि आपको कोई ऐसा पौधा या पेड़ मिले जिस पर कभी कीटनाशक आदि रसायनों का प्रयोग न किया गया हो तो आप उससे तोड़े हुए फल और सब्जी को बिना धोये निसंकोच खा सकते हैं।
 आप सोच रहे होंगे कि विटामिन B12 की कमी हो रही हो तो हो जाने दो साथियों यह बहुत महत्वपूर्ण विटामिन है इसकी कमी के कारण हमारा दिमाग, हमारी नर्व्स अच्छी तरह से काम नहीं करती यहां तक कि हमारे शरीर में खून भी सही से नहीं बन पाता। शरीर मे सुन्नपन, सुई की चुभन, समृति की कमी, डिप्रेसन, थकान आलास इत्यादि इसके लक्षण हैं। इसलिए इसका पूरा होना बहुत जरूरी है। यदि आपके शरीर में उपरोक्त तरह के लक्षण हैं तो एक बार विटामिन B12 लेकर जरूर देखें। इसको सप्लीमेंट फॉर्म में ले सकते हैं। यानी कि हमारे उत्पादों का सेवन करते रहे।☺️☺️☺️
 #पंकजगंगवार

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